अतिक्रमण की शिकायत कहां करें | Atikraman ki Shikayat Kahan Kare

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आज हम आपको इस पोस्ट में “अतिक्रमण की शिकायत कहां करें” इसके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। आपको हमारा यह पोस्ट पढ़ना होगा। ताकि आपके आसपास किसी भी तरह के कोई अतिक्रमण से जुड़ी हुई समस्या है तो आप उसकी शिकायत तुरंत दर्ज कर सकते हैं आइए जानते हैं..

अतिक्रमण क्या होता है?

ग्रामीण क्षेत्रों में या शहरी क्षेत्र में आज के समय में अतिक्रमण एक साधारण से समस्या बन चुकी है। देखा जाए तो शहरों में इस समस्या ने एक बहुत बड़ा रूप ले लिया है। यहां पर गलियों में अवैध पार्किंग से लेकर दुकानों के जरिए सड़क और फुटपाथ पर अतिक्रमण या फिर पार्किंग हो या खेल के मैदान, सभी मे अतिक्रमण की समस्या देखने को मिलती है। जिससे कि वहां के सभी लोग बहुत परेशान रहते हैं।

अब यहां सवाल यह है कि आखिर इस अतिक्रमण जैसी समस्या का समाधान क्या हो सकता है?

अतिक्रमण को हटाने की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन नगर पालिका नगर निगम की होती है। लोगों के द्वारा कई बार शिकायत दर्ज करवाने के बाद भी इसी तरह की स्थानीय प्रशासन के द्वारा कोई उचित कार्रवाई नहीं होती है।

 ऐसे में सभी नागरिकों के पास में एक ही उपाय रहता है जिसको सूचना का अधिकार भी कहा जाता है। आप चाहे तो इसका इस्तेमाल करके आप अपने इलाके के आसपास लगे अतिक्रमण को हटवाने का काम कर सकते हैं।

अवैध निर्माण की प्रक्रिया अतिक्रमण जैसे शब्द पिछले कुछ सालों से ही बहुत बड़े चर्चा का विषय बने हुए हैं। कानून के शब्दों में अगर कहा जाए तो कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे की संपत्ति पर गैरकानूनी तरीके से अपना हक बना लेता है और उस पर पूर्ण रुप से अपना अधिकार कर लेते हैं तो उसको अतिक्रमण कहा जाता है।

अतिक्रमण की ऑनलाइन शिकायत

अतिक्रमण की शिकायत आप ऑनलाइन भी दर्ज कर सकते हैं। अभी केवल उत्तर प्रदेश राज्य में ऑनलाइन अतिक्रमण की शिकायत के लिए पोर्टल लॉन्च किया है। अगर किसी तरह की परेशानी अतिक्रमण से संबंधित है तो आप थाने में जाकर कंप्लेंट कर सकते हैं या एसडीएम के पास में जाकर भी कंप्लेंट कर सकते है।

  • ऑनलाइन अतिक्रमण की शिकायत दर्ज करने के लिए सबसे पहले आपको जनसुनवाई की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर होम पेज ओपन करना होगा।
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  • यहां आपकी स्क्रीन पर “अनुस्मारक भेजें” का एक ऑप्शन लिंक दिखाई देगा। उस पर आपको क्लिक करना है। जैसे ही आप इस पर क्लिक करते हैं।
  • आपकी स्क्रीन पर एक नया पेज ओपन होगा। इसमें आपको अपना मोबाइल नंबर ईमेल आईडी डालकर कैप्चा कोड भरना होगा और सबमिट एडजरनेट ओटीपी के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
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  • पासवर्ड भरने के बाद में फिर एक नया कॉलम आपकी स्क्रीन पर आएगा उसमें आपको अपनी ऑनलाइन शिकायत दर्ज करनी होगी यह ऑनलाइन शिकायत रजिस्ट्रेशन फॉर्म होगा इसमें आप भू माफिया के खिलाफ अतिक्रमण के खिलाफ अपनी कंप्लेंट दर्ज करके सबमिट के ऑप्शन पर क्लिक कर सकते हैं।
  • यहां पर रजिस्ट्रेशन स्लिप मिलेगी जो कि आपके रजिस्ट्रेशन मोबाइल नंबर पर एसएमएस के द्वारा मिल जाएगी जब भी आप अपने कंप्लेंट की स्थिति चेक करना चाहते हो तो इसके द्वारा देख सकते हो
पोर्टल नामएंटी भू माफिया
शुरू किया गयाUp सरकार के द्वारा
उद्देश्यभूमि पर किये अवैध कब्जे,अतिक्रमण की शिकायत के लिए
वेबसाइटhttps://jansunwai.up.nic.in

अतिक्रमण की शिकायत के हेल्पलाइन नम्बर

शहरी क्षेत्रों में अतिक्रमण की समस्या अधिक देखने को मिलती है अतिक्रमण की वजह से शहरों में सड़कों पर घंटों ट्रैफिक जाम भी लग जाता है। इस तरह की समस्या को देखते हुए नगर पालिका नगर निगम के द्वारा लोगों से अपील की गई है कि अगर किसी भी रोड पर अतिक्रमण की समस्या है तो उसकी शिकायत नगर निगम के टोल फ्री नंबर पर कर सकते हैं। शिकायत मिलने के 2 से 3 दिन के अंदर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

टोल फ्री नंबर

1800-180-1817

Up हेल्पलाइन नंबर

1097

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ग्रामीण क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के लिए क्या करे

ग्रामीण क्षेत्र में अतिक्रमण से संबंधित शिकायत के लिए पटवारी के द्वारा जांच के आदेश दिए जाते हैं। पटवारी की जांच प्रतिवेदन के आधार पर तहसीलदार के द्वारा अतिक्रमण को हटाने का समय मिलता है।

 अगर उस समय सीमा में आपने किसी भी भूमि पर अपना कब्जा नहीं हटाया है तो आप के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी इसके अलावा समक्ष अधिकारी के द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पूरी की जाएगी।

सड़कों से अतिक्रमण हटाना हो गया है जरूरी

हमारे देश में बड़े-बड़े शहरों में दुकानदार सड़कों पर भी कब्जा कर लेते हैं। अधिकतर कब्जे लोग स्थाई तरीके से ही कर लेते हैं। इससे सड़कों पर लंबा ट्रैफिक जाम हो जाता है।क्योंकि रोड बहुत छोटी हो जाती है। इससे ट्रैफिक व्यवस्था भी बहुत प्रभावित होती है। इन सभी व्यवस्थाओं को देखते हुए स्थानीय प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण की समस्याओं को देखते हुए सभी की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए इनके लिए कुछ खास नियम बना दिए गए हैं।

भूमि अतिक्रमण अधिनियम

भूमि अतिक्रमण अधिनियम आईपीसी 1860 की धारा 441 के अंतर्गत भूमि एवं संपत्ति के अतिक्रमण पर लागू की जाती है। आईपीसी सेक्शन 441 के मुताबिक अतिक्रमण उसी स्थिति में होता है जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति की संपत्ति पर अवैध रूप से अर्थात गलत तरीके से कब्जा करने का प्रयास करता है। उसी स्थिति में यह एक अपराध माना जाता है।

भूमि अतिक्रमण पर आईपीसी की धारा 447 के अंतर्गत जुर्माने का भी प्रावधान कानून में बताया गया है।अगर कोई व्यक्ति इस अपराध में दोषी पाया गया तो उससे 550 का जुर्माना और 3 महीने तक की उसको कैद की सजा भी मिल सकती है। कानून अतिक्रमण से निबटने में निम्न तरीके से बचा जा सकता है..

  • अपनी जमीन पर घुसपैठ करने पर धारा 441 लागू होती है और धारा 442 के अंतर्गत इस को अपराध माना जाता है।
  • न्यायपालिका के द्वारा ही अतिक्रमण पर रोक लगाई जा सकती है।
  • न्यायपालिका अतिक्रमण से संबंधित कानून के अनुसार मुआवजे के भुगतान के लिए भी कार्रवाई कर सकती है मुआवजे की गणना भूमि की कीमत और उसकी हानि के आधार पर तय होती है।

भूमि के अतिक्रमण से बचने के उपाय

भूमि को अतिक्रमण से बचाने के उपाय की जानकारी बहुत कम लोगों को है सभी को पता है कि सावधानी ही बचाव होता है। इसलिए भूमि अतिक्रमण रोकने के कुछ सुझाव आपको देने जा रहे हैं। जिनसे भूमि पर अतिक्रमण की संभावना शायद कम हो सकती है

  • यदि आप एक NRI है या फिर आप की प्रॉपर्टी किसी दूसरे देश में है तो आपको अपने किसी मित्र या रिश्तेदार को उस संपत्ति की पावर ऑफ अटॉर्नी दे देनी चाहिए।
  • अपनी संपत्ति के चारों तरफ से आपको दीवार बोर्ड से बाढ़ लगा देना चाहिए।
  • ऐसे व्यक्ति को किराए पर रखना चाहिए जो आप की प्रॉपर्टी की सही ढंग से देखभाल नियमित रूप से कर सके।
  • आपको अपनी जमीन पर थोड़ा निर्माण कार्य करवाकर सिक्योरिटी गार्ड या किराएदार निश्चित रूप से रखना चाहिए और जरूरी डाक्यूमेंट्स भी तैयार रखने जरूरी है।
  • आपने अपनी प्रॉपर्टी पर कोई किराएदार रखा है तो उसकी अपने पास के पुलिस स्टेशन में जाकर वेरिफिकेशन जरूर करवाएं आजकल बड़ी बड़ी सिटी में रजिस्ट्रेशन करवाना बहुत जरूरी हो गया है।
  • किराएदार से पूछताछ अवश्य कर लें अगर आप एक वरिष्ठ नागरिक है तो आपको और भी ज्यादा सतर्क रहना जरूरी है।
  • समय-समय पर अपनी प्रॉपर्टी के लिए मौजूदा शर्त और लीज एग्रीमेंट का रेनवाल ( नवीनीकरण ) जरूर करवा लें।

Conclusion

आज हमने इस पोस्ट के माध्यम से आप सभी को “अतिक्रमण की शिकायत कहां करें” इसके विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी बताएं इस पोस्ट में भूमि अतिक्रमण से संबंधित जानकारी भी बताई है। जो कि आप सभी के लिए बहुत ही हेल्पफुल होने वाली है।

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